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   Class 11th physics very important questions 2024   1. प्रगामी तरंगे किसे कहते हैं? इसकी विशेषताएं लिखिए।  2 अप्रगामी तरंगे किसे कहते हैं? इसकी विशेषताएँ लिखिए  3. गहराई में जाने पर गुरुत्वीय त्वरण के मान में क्या परिवर्तन होता है? 4. ऊँचाई में जाने पर g के मान में क्या परिवर्तन होगा?  5. न्यूटन के गति के नियम लिखिए तथा F =ma सिद्ध कीजिए। 6. निम्न को परिभाषित कीजिए 1. आवर्तकाल     2. आवृत्ति     3.संवेग    4.चाल   5. कोणीय विस्थापन   7.रकिट के त्वरण लिए व्यंजक ज्ञात कीजिए।  8.बूंद के अन्दर अतिरिक्त दाब का व्यंजक स्थापित कीजिए 9. सरल आवर्तगति किसे कहते हैं? इसकी विशेषताएँ लिखिए।   Contact- 786255417 / 9713992824 10. प्रगामी और अप्रगामी तरंगों में अन्तर लिखिए।  11. ध्वनि तरंगे व प्रकाश तरंगों में अन्तर लिखिए।  12 ताप की स्थाई एवं परिवर्ती अवस्था में अन्तर लिखिए। 13. ऊर्जा का समविभाजन नियम् लिखिए।  14. सरल लोलक क्या है? इसके आवर्तकाल के लिए व्यजक लिखिए। 15. बरनोली प्रमेय लिखिए तथा सिद्ध कीजिए ।  16. बरनोली प्रमेय का कोई एक अनुप्रयोग लिखिए  17. पास्कल का नियम लिखिए त

बेज प्रमेय क्लास 12 th Math

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विस्थापन धारा ## class 12th physics ##

विस्थापन धारा (displacement current) चुंबकत्व में परिवर्तन की दर को विस्थापन धारा कहते हैं। विस्थापन धारा और विद्युत धारा घनत्व current density का मात्रक एक समान होता है। जिस प्रकार विद्युत धारा के संगत एक चुम्बकीय क्षेत्र (magnetic field) मौजूद होता है, उसी प्रकार विस्थापन धारा (displacement current) के संगत भी एक चुम्बकीय क्षेत्र का अस्तित्व होता है।  किन्तु विस्थापन धारा, गतिमान आवेशों की धारा नहीं है बल्कि समय के साथ परिवर्तनशील विद्युत क्षेत्र के कारण उत्पन्न होती है।एक परिवर्ती वैधुत क्षेत्र धारा के समरुप होता है |यह धारा उस समय तक उपस्थित मानी जाती है जब तक वैधुत क्षेत्र उत्पन्न होता है।  इस धारा को विस्थापन धारा कहते है।                       Or किसी परिपथ में समय के साथ परिवर्ती वैद्युत क्षेत्र (अर्थात् वैद्युतीय विस्थापन) के कारण उत्पन्न धारा को विस्थापन धारा (displacement current) कहते हैं। इसे Id  से प्रदर्शित करते हैं।

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परावर्तक दूरदर्शी

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  परवर्ती दूरदर्शी (Reflecting telescope)       इस दूरदर्शी में अभिदृश्यक के रूप में दर्पण का उपयोग किया जाता है।  यह दो प्रकार का होता है  १ . कैसेग्रेनियन दूरदर्शी (Cassegrainian telescope) इस प्रकार के दूरदर्शी में अवतल दर्पण के केंद्र में एक छिद्र होता है। इसके फोकस F के पास एक छोटा द्वितीयक उत्तल दर्पण M रखा होता है। नेत्रिका E दूरदर्शी के अक्ष पर दर्पण के ठीक पीछे स्थित होता है। दूरस्थ वस्तुओं से आने वाली समान्तर किरण अवतल दर्पण से परावर्तन के पश्चात फोकस की ओर अभिसरित होती हैं। यह दर्पण किरणों को एकत्रित कर नेत्रिका E के सामने वस्तु का प्रतिबिंब बनाता है।        By - Ram ji kushwaha [ 7869255417]                                                           अथवा कैसेग्रेनियन दूरदर्शी (Cassegrainian Telescope) इसमें बड़े द्वारक के अवतल दर्पण का प्रयोग किया जाता है जिसके केंद्र में एक वृताकार छिद्र होता है ।एक छोटे उत्तल दर्पण को दूरदर्शी के अभिदृश्यक दर्पण के आगे रखा जाता है ।अंतिम प्रतिबिम्ब को अभिदृश्यक दर्पण के छिद्र के सामने रखे अभिनेत्र लेंस में से देखा जाता है।   जब दूरस्थ वस्तु

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