# तरंगे # physics class 12th#

तरंग ( wave)~किसी स्थान पर उत्पन्न विक्षोभ या कंपन को तरंग कहते हैं।

 तरंग दो प्रकार की होती है 

१. विद्युत चुंबकीय तरंग

 २. यांत्रिक तरंग

. विद्युत चुंबकीय तरंग (electromagnetic waves)~इन तरंगों की खोज मैक्सवेल ने की थी इनके चलने के लिए माध्यम की आवश्यकता नहीं होती अर्थात ये तरंगे माध्यम तथा निर्वात दोनों में चल सकती हैं । ये तरंगें Fonta की बनी होती है।

Example_प्रकाश तरंगें ,एक्स किरणें ,गामा किरणें, रेडियो तरंगे आदि।

                      अथवा


विद्युत चुंबकीय तरंगे किसे कहते हैं :

सन् 1820 में ओर्स्टेड ने अपने प्रयोग में पता लगाया कि जब किसी चालक तार में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो उसके चारों और चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है|


इस प्रयोग के 11 वर्ष बाद सन् 1831 में फैराडे ने अपने प्रयोग में ज्ञात किया कि जब किसी परिपथ से बद्ध चुंबकीय फ्लक्स में परिवर्तन होता है तो उस परिपथ में प्रेरित विद्युत वाहक बल उत्पन्न हो जाता है, फलस्वरूप बंद परिपथ में विद्युत धारा प्रेरित हो जाती है|


इसके आधार पर कहा जा सकता है कि समय परिवर्ती चुंबकीय-क्षेत्र, विद्युत-क्षेत्र उत्पन्न करता है  तथा समय परिवर्ती विद्युत- क्षेत्र, चुंबकीय- क्षेत्र उत्पन्न करता है|


इन तथ्यों के आधार पर सन् 1865 में जेम्स क्लार्क मैक्सवेल ने सैद्धांतिक गणना के आधार पर विद्युत चुंबकीय सिद्धांत का प्रतिपादन किया|


इस सिद्धांत के अनुसार, यदि विद्युत-क्षेत्र या चुंबकीय-क्षेत्र दोनों में से कोई एक समय के साथ परिवर्तित होता है तो समष्टि(space) में दूसरा क्षेत्र स्वत: ही उत्पन्न हो जाता है अर्थात समष्टि में विद्युत- चुम्बकीय विक्षोभ उत्पन्न हो जाते हैं जो समय परिवर्ती विद्युत-क्षेत्र और चुम्बकीय-क्षेत्र से निर्मित होते हैं| अतः इन्हें विद्युत चुंबकीय तरंगे कहते हैं|


विद्युत चुंबकीय तरंगों की परिभाषा (definition of electromagnetic waves) :

विद्युत चुंबकीय तरंगे वे तरंगे होती है जो विद्युत क्षेत्र और चुंबकीय क्षेत्र के लंबवत ज्यावक्रीय दोलनो से बनी होती है| इन तरंगों की खोज सर्वप्रथम जेम्स क्लार्क मैक्सवेल ने की थी|

 गुण


1. ये तरंगे दोलायमान या त्वरित आवेशों से उत्पन्न होती है|


2. ये तरंगे अनुप्रस्थ होती है|


3. ये तरंगे ऊर्जा का स्थानांतरण करती है|


4. ये तरंगे निर्वात में गमन कर सकती है| इनके संचरण के लिए किसी माध्यम की आवश्यकता नहीं होती है|


5. ये तरंगे परावर्तन,अपवर्तन, व्यतिकरण, विवर्तन आदि को प्रदर्शित करती है|


6. निर्वात में इन तरंगों की चाल 3×10^8 मीटर/सेकण्ड होती है जो प्रकाश की चाल के बराबर है|

विद्युत चुंबकीय तरंगों के उपयोग ( use of electro magnetic waves)


विद्युत चुंबकीय तरंगों की विशेषताएं:

१ इनकी चाल प्रकाश की चाल के बराबर होती है।

२.इनकी तरंगदैर्ध 10^-14 से 10^4  मीटर के बीच होती है।

३.यह विद्युत उदासीन होती हैं जिस कारण विद्युत क्षेत्र में विचलित नहीं होती है।

४. यह स्वभाव में अनुप्रस्थ होती है।

५. इनके पास ऊर्जा तथा संवेग दोनों होता है।

६.यह ध्रुवण की घटना को दर्शाती हैं।

७. इनकी ऊर्जा इनकी आवृत्ति के समानुपाती होती है।

  E=hv , जहां E= ऊर्जा, h= प्लांक constant , 

    v = आवृत्ति

यांत्रिक तरंग( Mechanical wave):~वह तरंग जो पदार्थ के कंपन के कारण उत्पन्न होती हैं, यांत्रिक तरंगे कहलाती हैं।इन तरंगों के संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है ये निर्वात में नहीं चल सकती।

Example_ ध्वनि तरंगे, जल के पृष्ठ पर उत्पन्न तरंगे, स्प्रिंग में उत्पन्न तरंगे आदि।

यह दो प्रकार की होती है_

१. अनुप्रस्थ तरंगे

२. अनुदैर्ध्य तरंगे

१. अनुप्रस्थ तरंगे (transverse weves):~यह तरंगे श्रंग एवं गर्त के रूप में आगे बढ़ती हैं।

Example तनी हुई डोरी , जल की सतह पर तथा विद्युत चुंबकीय तरंगे अनुप्रस्थ तरंगे होती हैं।


अनुदैर्घ्य तरंगे (Longitudinal waves) ;वे तरंगें हैं जिनमें माध्यम के कणों का विस्थापन तरंग की गति की दिशा या उसके विपरीत दिशा में ही होता है। इन्हें "एल तरंगें" भी कहते हैं।

       



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