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अनुगमन वेग ,फिजिक्स क्लास 12th
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अनुगमन वेग जब किसी चालक में किसी सेल या बैटरी की सहायता से विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो चालक में उपस्थित स्वतंत्र इलेक्ट्रॉन एक निश्चित न्यूनतम वेग से गति करने लगते हैं| इस निश्चित न्यूनतम वेग को ही अनुगमन वेग कहते हैं| इसे Vd से प्रदर्शित करते हैं| विधुत धारा और अनुगमन वेग में सम्बन्ध माना किसी चालक तार के अनुप्रस्थ परिच्छेद का क्षेत्रफल A तथा चालक के प्रति एकांक आयतन में मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या n है यदि इलेक्ट्रॉनों का अनुगमन वेग Vd हो, तो t सेकण्ड में तार के अनुप्रस्थ परिच्छेद से गुजरने वाले इलेक्ट्रॉनों की संख्या N = n A Vd t ••••••(1) यदि प्रत्येक इलेक्ट्रॉन पर आवेश की मात्रा e हो तो t सेकण्ड में तार के अनुप्रस्थ परिच्छेद से गुजरने वाला आवेश Q = N e •••••••(2) समीकरण (1) से N का मान समीकरण (2) में रखने पर Q = n A Vd t e ••••••(3) विद्युत धारा के सूत्र से, I = Q/t I = n A Vd t e / t [ समी (3) से] I = n A Vd
# तरंगे # physics class 12th#
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तरंग ( wave)~किसी स्थान पर उत्पन्न विक्षोभ या कंपन को तरंग कहते हैं। तरंग दो प्रकार की होती है १. विद्युत चुंबकीय तरंग २. यांत्रिक तरंग १ . विद्युत चुंबकीय तरंग (electromagnetic waves)~ इन तरंगों की खोज मैक्सवेल ने की थी इनके चलने के लिए माध्यम की आवश्यकता नहीं होती अर्थात ये तरंगे माध्यम तथा निर्वात दोनों में चल सकती हैं । ये तरंगें Fonta की बनी होती है। Example_प्रकाश तरंगें ,एक्स किरणें ,गामा किरणें, रेडियो तरंगे आदि। अथवा विद्युत चुंबकीय तरंगे किसे कहते हैं : सन् 1820 में ओर्स्टेड ने अपने प्रयोग में पता लगाया कि जब किसी चालक तार में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो उसके चारों और चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है| इस प्रयोग के 11 वर्ष बाद सन् 1831 में फैराडे ने अपने प्रयोग में ज्ञात किया कि जब किसी परिपथ से बद्ध चुंबकीय फ्लक्स में परिवर्तन होता है तो उस परिपथ में प्रेरित विद्युत वाहक बल उत्पन्न हो जाता है, फलस्वरूप बंद परिपथ में विद्युत धारा प्रेरित हो जाती है| इसके आधार पर कहा जा सकता है कि समय परिवर्ती चुंबकीय-क्षेत्र, विद्युत-क्षेत्र उत्पन्न करता है
Success point physics #class 12th #karan bataiye
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कारण बताइए खोखले चालक के अंदर प्रत्येक बिंदु पर विभव एक समान होता है क्यों? जब किसी खोखले चालक को आवेश दिया जाता है तो यह आवेश उसके बाह्य पृष्ठ पर वितरित हो जाता है,चालक के अंदर कोई आवेश नहीं होता अर्थात विद्युत क्षेत्र की तीव्रता शून्य होती है। अतः चालक के अंदर एकांक धन आवेश को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक ले जाने में कोई कार्य नहीं करना पड़ता इस प्रकार चालक के प्रत्येक बिंदु पर विभव एक समान होता है। दो समविभव पृष्ठ एक दूसरे को कभी नहीं काटते क्यों? विद्युत बल रेखाएं समविभव पृष्ठ के लंबवत होती हैं यदि दो समविभव पृष्ठ एक दूसरे को काटते हैं तो कटान बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की दो दिशाएं होंगी जोकि संभव नहीं है । अतः दो समविभव पृष्ठ एक दूसरे को नहीं काटते। नुकीले भागों की क्रिया से आप क्या समझते हैं ?विद्युत पवन क्या है? किसी भी चालक के नुकीले भाग पर आवेश का पृष्ठ घनत्व सर्वाधिक होता है । नुकीले भागों पर प्रबल विभव होता है, यही नुकीले भागों की क्रिया कहलाती है। अतः जब वायु के कण किसी आवेशित चालक के नुकीले भागों के संपर्क में आते हैं तो वह भी आवेशित हो जाते हैं और समान आवेश प्रतिकर्र्षित ह